नई दिल्ली (इंडिया साइंस वायर) : कोविड-19 से लड़ने के लिए जब तक कोई प्रभावी दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं होती, तब तक इस महामारी के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस से बचाव को ही बेहतर विकल्प माना जा रहा है। इसमें औषधीय एवं पोषक तत्वों की भूमिका अहम हो सकती है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोरोना वायरस से लड़ने में मदद कर सकते हैं। हैदराबाद स्थित अटल इनक्यूबेशन सेंटर - सेंटर फॉर सेल्युलर ऐंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (एआईसी-सीसीएमबी) द्वारा समर्थित एक स्टार्टअप क्लोन डील्स ने कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए 'कोरोनएड' नामक नया पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल) विकसित किया है।
पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल), "न्यूट्रिशन" (पोषण) और "फार्मास्युटिकल" (दवा/औषध) शब्दों से मिलकर बना है। न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद पृथक किए गए पोषक तत्वों, आहार पूरक, विशेष आहार, आनुवंशिक रूप से तैयार खाद्य पदार्थ, जड़ी-बूटी संबंधी उत्पाद, अनाज, सूप, एवं पेय पदार्थ जैसे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के रूप में हो सकते हैं। एआईसी-सीसीएमबी द्वारा विकसित नया न्यूट्रास्युटिकल विशेष रूप से तैयार किया गया एक ऐसा खाद्य उत्पाद है, जो बीमारी की रोकथाम एवं उपचार सहित स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय लाभ प्रदान कर सकता है।
'कोरोनएड' पूरक आहार हिमालयी क्षेत्र में पाये जाने वाले मशरूम, कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस से बनाया गया है, जो प्रतिरक्षा बढ़ाने और एंटी-ऑक्सीडेंट घटकों के लिए जाना जाता है। शोधकर्ताओं ने हल्दी में पाए जाने वाले एक सक्रिय घटक कुरकुमीन के साथ मशरूम चूर्ण का संयोजन करके 'कोरोनएड' एंटी-वायरल इम्यूनिटी बूस्टर ओरल सस्पेंशन बनाने के लिए हैदराबाद स्थित अम्ब्रोसिया फूड कंपनी के साथ करार किया है।
'कोरोनएड' पूरक आहार हिमालयी क्षेत्र में पाये जाने वाले मशरूम, कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस से बनाया गया है, जो प्रतिरक्षा बढ़ाने और एंटी-ऑक्सीडेंट घटकों के लिए जाना जाता है।
मशरूम चूर्ण में पाया जाने वाला कोर्डिसेपिन नये डीएनए और आरएनए स्ट्रैंड के गठन को रोकने की की क्षमता रखता है। क्लोन डील्स ने सीसीएमबी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कोशिका-संवर्द्धन तंत्र में कोरोनावायरस की वृद्धि रोकने में कॉर्डिसेपिन की उपयोगिता को रेखांकित किया है। अध्ययनों में यह उभरकर आया है कि कॉर्डिसेपिन कोरोना वायरस की वृद्धि रोक सकता है। क्लोन डील्स ने औषधीय उपयोग के लिए नियंत्रित वातावरण में मशरूम का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने में विशेषज्ञता हासिल की है। वर्तमान में, स्टार्टअप ने उत्पाद के विपणन के लिए एफएसएसएआई का अनुमोदन प्राप्त कर लिया है और नागपुर, नवी मुंबई और भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के साथ नैदानिक परीक्षण हेतु भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया है।
नैदानिक परीक्षण के परिणामों के साथ उम्मीद की जा रही है की ये उत्पाद ज्यादातर शहरों और कस्बों में दिसंबर से उपलब्ध हो सकेंगे। क्लोन डील्स के डॉ प्रकाश अयोध्या पांडेय और एम. अतीक पटेल ने उम्मीद जतायी है कि ‘कोरोनएड’ दुनिया भर के लिए नए साल का तोहफा होगा और यह वायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करेगा।
सीसीएमबी के निदेशक डॉ राकेश मिश्र ने वैज्ञानिक आधार के साथ स्वदेशी प्राकृतिक उत्पाद विकसित करने पर इस स्टार्टअप के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। एआईसी -सीसीएमबी के सीईओ डॉ मधुसूदन राव ने कहा हौ कि क्लोन डील्स जैसे स्टार्टअप्स को आवश्यक सुविधाएं और वैज्ञानिक सहायता प्रदान करना उनकी तकनीक के प्रमाणीकरण और बाजार की तत्परता के लिए महत्वपूर्ण है।
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