मुंबई: विशेष रसायन कंपनी लैंक्सेस इंडिया ने ‘बड़ी कंपनियों’ की श्रेणी के तहत पर्यावरण और मानव संसाधन प्रबंधन के क्षेत्रों में संगठन की प्रतिबद्धता और उत्कृष्ट प्रदर्शन की मान्यता पाते हुए इंडियन केमिकल काउंसिल (ICC) से कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। इसने जिम्मेदार देखभाल - प्रक्रिया सुरक्षा कोड और वितरण कोड के तहत सर्वश्रेष्ठ आज्ञाकारी कंपनी होने का गुणवत्ता प्रमाण पत्र भी जीता। इसके अतिरिक्त, परिवहन सुरक्षा के लिए आईसीसी के नाइसर ग्लोब इनिशिएटिव के आधार पर लैंक्सेस के शीर्ष तीन ड्राइवरों में से दो को सड़क सुरक्षा के प्रति उनके अनुशासित प्रदर्शन के लिए 'सर्वश्रेष्ठ ड्राइवर' के रूप में सम्मानित किया गया।
आईसीसी द्वारा जिम्मेदार देखभाल पुरस्कार साइट के प्रभावी प्रबंधन के माध्यम से प्रक्रियागत सुरक्षा और वितरण के उच्च मानकों को बनाए रखने के संगठन के प्रयासों को मान्यता देता है। भारत में लगभग 40,000 बड़ी, मध्यम और छोटी रासायनिक कंपनियों में से केवल 64 ही जिम्मेदार देखभाल प्रमाणित हैं और लैंक्सेस उनमें से एक है।
लैंक्सेस प्रतिवर्ष टॉप ट्रांसपोर्टर्स और ड्राइवर पार्टनर को सुरक्षित प्रदर्शन के लिए पुरस्कार दे रहा है। कंपनी के साथ अनुबंधित सभी वाहन जीपीएस युक्त हैं और नियमों के किसी भी तरह के उल्लंघन को रिकॉर्ड किया जाता है और ऐसा होने पर, बाहरी साझेदार कंपनी ह्यूबर्ट एबनेर द्वारा ड्राइवर की काउंसलिंग सहित सुधारात्मक कार्रवाई की जाती है।
सभी विजेताओं को शुक्रवार, 25 सितंबर को आईसीसी पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि राजेश कुमार चतुर्वेदी, आईएएस, सचिव, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग, भारत सरकार और पूर्णेंद चटर्जी, संस्थापक और चेयरमैन, हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स और चटर्जी समूह की उपस्थिति में पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस कामयाबी पर टिप्पणी करते हुए, नीलंजन बनर्जी, वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, लैंक्सेस इंडिया, जिन्हें हाल ही में 2020-21 के लिए सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) की राष्ट्रीय रसायन और पेट्रोकेमिकल्स समिति का वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया है, और वे सीआइआइ में सुरक्षा एवं स्थायित्वपूर्णता पर उप-समिति के प्रमुख भी हैं, उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि हम लगातार पर्यावरणीय विषयों और सुरक्षा पर खास ध्यान देने के साथ व्यापार प्रक्रियाओं और क्षमता के क्षेत्रों में नए मानक स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे लिए यह काफी सम्मान की बात है कि आईसीसी द्वारा इन क्षेत्रों में हमारे प्रयासों को स्वीकार किया गया है।”
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