कोरोनाकाल में जब आंतरराष्ट्रीय प्रवास संभव नहीं है, ऐसे में वॉकल फोर लोकल के संदेश के साथ सूरत के चार और मुंबई-अहमदाबाद के एक-एक सदस्य 18 सितंबर को सूरत से रोड ट्रीप का आरंभ करके 36 दिन में 18000 किलोमीटर का अंतर काटकर भारत के पर्यटन स्थल के बारे में लोगों को आकर्षित किया
सूरत। गुजरात और खास करके सूरती घुमने के बहुत शौकिन है, लेकिन कोरोना ने सूरतियों की भ्रमण वृत्ति पर ब्रेक दिया है। सूरत और गुजरात की प्रजा विदेशी पर्यटन स्थलों पर यात्रा करने के लिए अग्रसर है। लेकिन कोरोना के कारण हाल विदेश यात्रा संभव नहीं है। ऐसे में डोमेस्टिक टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए उनके द्वारा एक अनोखा अभियान चलाया ।
अभियान के तहत सूरत, मुंबई और अहमदाबाद के 6 सदस्य मिलकर 18 सितंबर से भारत भ्रमण पर निकले थे। 18000 किमी की इस रोड ट्रीप उन्होंने 36 दिन में पूरी की।
सूरत की नेटवर्क टूर्स एन्ड ट्रावेल एजन्सी के संचालक राजीव शाह (56)ने बताया कि कोरोना की विपरित असर से कोई भी क्षेत्र बच नहीं पाया है, ऐसे में ट्रावेल और टूरिज्म क्षेत्र पर भी बड़ा असर हुआ है। अब ऐसे में चरणबद्ध अनलॉक आगे बढ़ रहा है और बहुत फिर से चहल पर शुरू हुई है।
ऐसे में पर्यटन को भी गति मिलना जरूरी है। हाल के संजोग में विदेश यात्रा संभव नहीं है, ऐसे में सूरत और गुजरात के लोगों को वॉकल फोर लोकल के संदेश के साथ डोमेस्टिक टूरिज्म की ओर आकर्षित करने के लिए उनके द्वारा 36 दिन और 18000 किमी रोड ट्रीप का आयोजन किया गया था। यह रोड ट्रीप में राजीव शाह के साथ सूरत से रितेश पारेख (45), संजय पटेल (45) और नितिन गुप्ता (37) तथा मुंबई से पवन दूबे (38) और अहमदाबाद से थॉमस कोशी (48) शामिल हुए।
राजीव शाह ने बताया कि 18 सितंबर को रोड ट्रीप की शुरूआत हुई और 18000 किमी का अंतर 36 दिन में तय करने के बाद सूरत पहुंचकर अभियान पूरा किया। इस दौरान भारत के चारों दिशा में मुलाकात के साथ 34 राज्य और केन्द्रशासित प्रदेशों में आए सी पर्यटन स्थलों की मुलाकात की। वहां के टूर ऑपरेटर, एजन्ट की मुलाकात की।
कोविड के बीच भी होटेल्स और पर्यटन स्थलों की मुलाकात के लिए पर्यटकों को तैयार किया। जिससे लोग डोमेस्टिक टूरिज्म को प्राधान्य दे सकें।
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