सूरत - कोविड-19 महामारी के कारण खड़ी होने वाली आर्थिक कटोकटी को पहुंचने के लिए भारत ने सात प्रतिशत का जीडीपी वृद्धि दर हांसिल करना होंगा और उन्हें बनाए रखना होंगा। दुनियाभर के सभी देशो के सामने कई चुनौतियां खड़ी हुई है और भारत भी इसमें से बचा नहीं है। हालांकि स्थानिय स्तर मजबूत मांग और सभी क्षेत्रों में प्रचंड संभावनाएं होने से भारतीय अर्थतंत्र निःसंदेह वापस तेज तर्रार होंगा और विकास के नए शिखर सर करेंगा, ऐसा मोर्गन स्टेन्ली इन्डिया के एम डी श्री रिधन देसाई ने बताया।
कोर्पोरेट
कनेक्शन्स - गुजरात और राजस्थान के जोनल डिरेक्टर श्री गौरव वी सिंघवी ने बताया कि
चले हम सब मिलकर सुनियोजित करे और नई सामान्य परिस्थिति में सकारात्मक मानसिकता के
साथ स्वीकार करें। सभी व्यक्तियों को साथ रहना होंगा और भावि बिजनेस का पुनर्विचार
कर नई अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करनी पडेंगी और अनन्य नवीनताएं खड़ी करनी
पडेंगी। हम कोर्पोरेट कनेक्शन्स - गुजरात और राजस्थान में अन्य को इस तर शक्तिशाली
नेटवर्क द्वारा कारोबार को शुरू रखने में सहाय करते हैं।
विश्व के अग्रणी
नेटवर्किंग प्लेटफार्म्स में स्थान प्राप्त कोर्पोरेट कनेक्शन्स ने ध बिग हेरी
ओडेशियर फोरम 2020 वर्च्युअल कोन्फरन्स का आयोजन किया था जिसमें वक्ता के तौर पर श्री रिधम
देसाई, एम डी, मोर्गन स्टेन्ली इन्डिया,
श्री सिद्धार्थ रोय कपूर, प्रेसिडेन्स,
प्रोड्युसर गिल्ड ओफ इन्डिया, श्री प्रह्लाद
कक्कर, एडवर्टाईजिंग फिर्म डिरेक्टर और जेनेसिस फिल्म
प्रोडक्शन के स्थापक, डॉ. अरोकिआस्वामी वेलुमणी, एमडी थायरोकेर, श्री आशिष विद्यार्थी जाने माने
अभिनेता और सहस्थापक आशिष विद्यार्थी एन्ड एसोसिएट, डॉ. रंजन
बेनर्जी, डीन, एस पी जैन इन्स्टिट्यूट
ओफ मेनेजमेन्ट एन्ड रिसर्च और श्री ग्रेहाम वेमिलर, चेरमेन
और सीईओ, चेरमेन और सी.ई.ओ. - कोर्पोरेट कनेक्शन्स समेत
कोर्पोरेट क्षेत्र के कई अग्रणियों जुडे थे। विश्वभर के चेयरमैन और सी.ई.ओ. -
कोर्पोरेट कनेक्शन्स के सदस्यों के बीच संवाद बढाने और अग्रणी कोर्पोरेट लीडर्स के
विचारों जानने - समझने के लिए यह कोन्फरन्स का आयोजन किया गया था।
यह इवेन्ट में
खुद के विचारों व्यक्त करते श्री रिधम देसाई ने बताया था कि, भारत में
सामाजिक - आर्थिक क्षेत्र में बडे पैमाने परिवर्तन आ रहे हैं। मुद्रास्फीति,
जीएसटी, डीबीटी, कृषि और
प्रदूषण पर सीधा प्रभाव होने के कारण कंपनियों तथा कारोबारी युनिटों ने उनकी
व्यापारी गतिविधियां में खुद ही नए परिवर्तन लाने की जरूरत है। आगामी दशक में भारत
के विकास को आकार देने की और परिवर्तन में सहभागी होने की हमारी सभी की जिम्मेदारी
है।
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